पतंजलि योग पीठ दिवंगत राजीव दीक्षित जी की स्मृति में हर साल तीस नवंबर को स्वदेशी दिवस मनाएगी।
पतंजलि योगपीठ के द्वितीय चरण में निर्मित भारत स्वाभिमान के मुख्यालय भवन का नाम राजीव भवन रखा जाएगा तथा उनके मृत्यु दिवस को स्वदेशी दिवस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि राजीव जी का जीवन सादगीपूर्ण और निष्कलंक था। ‘आजादी बचाओ आंदोलन’ में जब ये थे तो इनसे कतिपय लोगों का स्वार्थ आहत होता था लेकिन इन्हों ने कभी किसी का दासत्व स्वीकार नहीं किया। ये चलते-फिरते ज्ञान के अथाह सागर थे। स्वाध्याय ये निरन्तर करते थे। मैंने तो अपने जीवन में इतना बुद्धिशाली व्यक्ति नहीं देखा। परमात्मा ने इन्हें धरती पर विशेष कार्य के लिए ही भेजा था। महान आत्माएं पृथ्वी पर ज्यादा दिन नहीं टिक पाती हैं। विदेशी कम्पनियों तथा विदेशी संस्कृति के प्रति उनके दिल में एक आग थी। एक वाणी जो भ्रष्ट व्यवस्थाओं के खिलाफ आग उगलती थी, वह आज मौन हो गयी। स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति के विधान को टाला नहीं जा सकता। आज ‘भारत स्वाभिमान’ का आंदोलन शिखर पर है। जहां राजनीति में वंशवाद, जातिवाद, प्रांतवाद जैसी गंभीर समस्याएं मौजूद हैं वहीं राजीव भाई ने भारत स्वाभिमान के माध्यम से भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्थाओं के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। उनके प्रयासों से भारत स्वाभिमान आज शिखर पर है। भारत से भ्रष्टाचार तो पूरा होगा ही लेकिन मुझे अफसोस है कि राजीव जी अपनी आंखो से अपने ही सपने को पूरा होते नहीं देख पायेंगे। अधिक जाने
श्रद्धांजलि
जो मैने कभी नहीं सोचा था और कभी सपने मे भी नहीं देखा था वह मुझे आज आप के सामने वह कहना पड़ रहा है कि जो दो हाथ मेरे लाखो करोड़ो हाथ के बराबर थे वह हाथ आज की रात मेरा साथ छोड गये। भाई श्री राजीव जी जो एक एक पल देश के लिये जिते थे जिनके तन मे, मन मे, हृदय मे, प्राण मे देश प्रेम ईतना प्रखर था की अपना पुरा बचपन, अपनी पुरी जवानी, अपना पुरा जीवन राष्ट्र के लिये अर्पित कर दिया था। दो दशक से जो देश भर मे घुम घुम कर के लोगो के भीतर स्वाभिमान जगा रहे थे, पहले आजादी बचाओ आन्दोलन के नाम से उन्होने एक आन्दोलन शुरु किया था। और बिगत लगभग दस बर्षो से हृदय से आत्मा से मेरे साथ जुडे और वर्तमान मे भारत स्वाभिमान के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सचिव का दायित्व देख रहे थे। अधिक जानकारी
-स्वामी रामदेवजी महाराज